2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं
उनको याद करना सज़ा हो गया!!ग़ज़ल
जाने वाले को कौन रोक पायेगा।।नये साल पे मुबारकबाद सबको
दुआ लो यारो।।
दुनिया से ना डरे हैं,ना ही डरेंगे
विद्या की अलख जगायेंगे
दिल के खंडहर सा मंज़र हो गया हूँ।।ग़ज़ल
ज़िन्दगी भी अपनी सुनाएगी कहानी एक दिन।।ग़ज़ल
चाहने वालो ने देखी,डूबी कस्ती हमारी एक दिन!!ग़ज़ल
सूरज निकल रहा था कि नींद आ गई मुझे!!ग़ज़ल
शून्य का आविष्कार
कविता: मुस्कान
किसी भूखे की भूख मिटाना है।।
ग़ज़ल।।चुपके चुपके देखकर जो दिल लगाना है!!
उजाला होना चाहिये।।
एक ग़ज़ल।।माँ
अकेला।।कविता
जाए!!
बाकी हैं।।
डोली!!हाइकु

वो इश्क की बात जुबां पे नही आने देते...गीत
सजदों में लज़्ज़त ही ना थी..आशक़ी से पहले!!ग़ज़ल
कुछ बिखरे हुए किस्से याद आ गए
मोती मोती में इश्क निखार दे!ग़ज़ल
कुछ तो हैं....मुझे शिकायत हैं।   लेख एवं कहानी