कविता: मुस्कान

मन को अपने
साधो
दुखड़ा किसी से ना बाँटो
सब लोगो की सुनते हैं
पीठ पीछे बाते बुनते हैं
चेहरे में इक हँसी रखो
दिल में कोई ख़ुशी रखो
लोगो को यही भाता हैं
हँसी लोगो को रिझाता हैं
ये दिलो को मिलाता हैं
रूठो को मनाता हैं
और
प्यार करना सिखाता हैं
थोड़ा हँसी बाट लो,
लोगो को भी साथ लो,
बिगड़े काम बन जायेंगे
दुश्मन साथ हो जायेंगे
आकिब'अब ये जान लो
चेहरे में हँसी थाम लो।।

-आकिब जावेद

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