जानिए अपने जनपद बांदा (UP90) के बारे में विस्तृत लेख के माध्यम से।

जनपद बांदा

महर्षि वामदेव की तपोस्थली बांदा केन नदी के तट पर बसा हुआ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख ऐतिहासिक जिला है। यह बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित है, जो अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता है।बुंदेलखंड में बांदा इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शहर है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है।बाँदा महर्षि वामदेव की तपोभूमि है। केन नदी में पाया जाने वाला शजर पत्थर विश्व ख्याति प्राप्त है| बाँदा के चारो तरफ अनेक पर्यटन स्थल हैं। चित्रकूट यहां से लगभग 70  मी, कालिंजर लगभग 65 किमी ,खजुराहो लगभग 140 किमी ,पन्ना 120  किमी है।जब यूपी का गठन नहीं हुआ था तब बांदा इलाहाबाद डिवीजन अंतर्गत आता था।प्राचीन समय में बांदा व्यपार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था।

भूगोल

बांदा जिला उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग में मध्य प्रदेश राज्य की सीमा पर स्थित है। यह जिला 4,408 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और इसकी आबादी लगभग 1.8 मिलियन है। यह जिला विंध्य पर्वतमाला और यमुना नदी से घिरा हुआ है, जो इसे एक दर्शनीय स्थान बनाता है।बांदा जनपद में केन नदी एक प्रमुख नदी है।पांच तहसील,आठ ब्लाक एवं सात सौ इकसठ गांव स्थित है।

इतिहास

बांदा का प्राचीन काल से ही समृद्ध इतिहास रहा है। यह बुंदेलखण्ड क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शहर था और इस पर बुंदेलों, मुगलों और अंग्रेजों सहित विभिन्न राजवंशों का शासन था। यह जिला कई ऐतिहासिक स्थलों का घर है, जिसमें बांदा किला भी शामिल है, जिसे बुंदेला शासक महाराजा छत्रसाल ने बनवाया था।
  • पौराणिक कथाओं मुताबिक आर्य यहां रहा करते थे इसका जिक्र ऋग्वेद में मिलता है.

  • खुदाई के दौरान बांदा में पाषाण काल और नवपाषाण काल के पत्थरों की मूर्तियां मिली.

  • इतिहासकारों के मुताबिक यहां के पहले शासक यायात्री थे बाद में इस क्षेत्र पर यायाशी के बड़े बेटे यदु ने यहां राज किया. 

  • चौथी शताब्दी ईसा पूर्व बांदा मगध के अंतर्गत आता था. कालिंजर पहाड़ी की चोटी पर चंदेलों ने यहां किला बनवाया जो भव्य वास्तुकला का अद्भूत नजारा है.
घूमने के स्थान

बांदा जिले में कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें शामिल हैं:

- बांदा किला: महाराजा छत्रसाल द्वारा बनवाया गया एक ऐतिहासिक किला।
- कालिंजर किला: पहाड़ी पर स्थित एक प्राचीन किला।
- माहेश्वरी देवी मंदिर: देवी माहेश्वरी को समर्पित एक सुंदर मंदिर।
- भूरागढ़ किला: बुंदेलों द्वारा बनवाया गया एक ऐतिहासिक किला।
- नवाबों द्वारा बनवाई गई जामा मस्जिद एवं नवाब टैंक घूमने के लिए प्रसिद्ध है।
- बांदा के धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर बामदेव मंदिर,सीतामाता स्वामी मंदिर और सिद्धिदात्री विंध्यवासिनी देवी मंदिर है।
- यमुना नदी: एक पवित्र नदी जो जिले से होकर बहती है।

संस्कृति

बांदा जिला अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह जिला कई त्योहारों का घर है, जिनमें बांदा महोत्सव भी शामिल है, जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह जिला अपने पारंपरिक लोक संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प के लिए भी जाना जाता है।
केन नदी में शजर पत्थर पाया जाता है।जो की GI टैग प्राप्त है।

साहित्यिक धरोहर

पूर्व में जनपद चित्रकूट बांदा साथ में थे तब राजापुर में रामचरित मानस जैसे विश्व प्रसिद्ध महा काव्य ग्रंथ लिखने वाले तुलसीदास की जन्मस्थली रही है।कवि पद्माकर ,केदारनाथ अग्रवाल जैसे प्रसिद्ध लेखक जनपद बांदा में जन्म लिए है।

भाषा

बांदा  में हिंदी और बुंदेली बोली जाती है।

नदी

बांदा केन नदी के किनारे बसा हुआ है. इसके अलावा बाघिन और यमुना यहां की प्रमुख नदियां हैं।

अर्थव्यवस्था

जिले में तीन प्रमुख फसल खरीफ, रबी जैद है. बांदा में गेंहू, धान मक्का, दाल, तिलहन की खेती की जाती है इसके अलावा फलों में आम और अमरूद उगाए जाते हैं।


निष्कर्ष

बांदा जिला महान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का स्थान है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक विरासत इसे घूमने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाती है। इस जिले में पर्यटकों, इतिहासकारों और संस्कृति प्रेमियों के लिए बहुत कुछ है।

आकिब जावेद, कवि,लेखक,शिक्षक
बिसंडा,जनपद बांदा उत्तर प्रदेश

पढ़िए कविता आकिब जावेद की लिखी हुई 

अपना जनपद बांदा

धरती  ऋषि  बाम  देव की,
केन   नदी   का   है  घाट!
यमुना  भी  बहती   यहाँ,
है नवाब  टैंक का ठाट !

दुर्ग अजेय कालिंजर का,
ब्लॉक  है  जिसमे  आठ!

पंच  तहसीलों से जो घिरा,
बुंदेलखंड का है ये भाग!
सात  सौ  इकसठ  गाँव,
खेत - खिलहान और बाग!
शांति- सौहार्द मुहब्ब्त यहाँ ,
कौमी तरानों की बहे राग!

महान साहित्यकारों की तपोभूमि,
पद्माकर,केदारनाथ,नरेंद्र नाम!
विश्व प्रसिद्ध पत्थर यहाँ,
होता शजर का काम !
काली कपास की मिट्टी भी,
आती खेती के बहुत काम!

हिंदी, बुंदेली बोली यहाँ पे,
यहाँ की बात कभी न काट।

बाम्बेश्वर-महेश्वरी मंदिर,
है भूरागढ़ में किला!
जामा मस्जिद विशाल सी
यहाँ सबका दिल मिला!
जहाँ शेर शाह शूरी दफ़न,
है वो ये बाँदा जिला!

-आकिब जावेद 

एक टिप्पणी भेजें

8 टिप्पणियाँ

  1. Bahut hi sunder sankalan apke dwara kiya gaya, 🎉🎉🙏🙏 salute Sir

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया आपका,साझा अवश्य करे

      हटाएं

Thanks For Visit My Blog.