छोटे - छोटे फूलों को
खिलना होगा
महकना होगा।
नन्हे - नन्हे सपनों को
हकीकत में ढलना होगा।
सपनीले आंखों को
हौसलों से बढ़ना होगा
कांटे तो रास्ते में बिछे होगें
गिरना होगा
फिर
गिर कर खुद ही संभलना होगा।
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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