किसी भूखे की भूख मिटाना है।।

किसी भूखे की भूख मिटाना है
देश से गरीबी को अब भगाना है।।

गर्मी,सर्दी,चाहे हो कि बसंत बहार
इंसान ऐसे हो,किसी के काम आना है।।

किसी बिछड़े हुए को मिलाना है
मन के जोत को अपने जलाना है।।

शहर दर शहर फैला ग़मो का कारवाँ
अब मुहब्बत का कारोबार फैलाना है।।

अमन का देश में संदेश फैलाना है
आतंक को देश से अब मिटाना है।।

चिकनी चुपड़ी बाते करके बेवक़ूफ़ बनाना
सियासत करना,ऐसे लोगो को बहकाना है।।

®आकिब जावेद

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