बाकी हैं।।

इस महकती जिंदगी में अभी मुस्कान बाकी हैं
मेरी जिंदगी में आना अभी तेरा नाम बाकी हैं

दिलजलों के फ़ेहरिस्त में देखो मेंरा नाम आया हैं
इश्क मुहब्बत में आना अभी एक तूफान बाकी हैं

वो तंग गालियां और मिलने की तुझसे ज़ुस्तुज़ु
इश्क में आने अभी कितने इम्तिहान बाकी हैं

वो बेशर्म अँधेरे परेशान करते हैं उजालो को
उनसे कह दो कि अभी सब की ढलान बाकी हैं

पुस्तों के ख्यालात थे उनके आखिर बदलते कैसे
इस जीस्त में उनके जैसे कई खानदान बाकी हैं

वो जो ग़ुरबत में भी बसर करते हैं रात-दिन
उनकी दुनिया में खुशियों का जहान बाकी हैं

अपनी दुनिया में रहते मस्त मस्तकलंदर, अल्हड़ फ़कीर
याद करते सब उनको,फ़िज़ा में उनकी शीरीं सी जुबान बाकी हैं।।

®आकिब जावेद

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