हम तुम्हारे हैं, तुम्हारे ही रहेंगे
दुनिया से ना डरे हैं,ना ही डरेंगे
रूठेंगे,सतायेंगे वो ऐसे ही छलेंगे
बहरूपिये हैं,वो हर मोड़ में मिलेंगे
मुस्कान को अपने लबो से ढकेंगे
इज़हारे मुहब्बत कभी नही करेंगे
तोहमतें आम करते यहाँ तमाम मिलेंगे
खुद की कमी ढकेंगे, दुसर से जलेंगे
नज़र उनसे मिली,नज़र को नज़र नही
चुपके चुपके देखकर आकिब'वो जलेंगे।।
गिरह
एक तो मेरा यार लाज़वाब हैं खूब
लोग देखेंगे,चिढ़ेंगे,खूब मर मिटेंगे
-आकिब जावेद
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