आज की शायरी

Shair 

तर्क-ए-त'अल्लुक़ हो गए हैं इस-क़दर उनसे सभी,
उनसे वफ़ा-ए-'इश्क़ ' की उम्मीद  आकिब ' अब नहीं।

आकिब जावेद

तर्क-ए-त'अल्लुक़ - रिश्ता नाता तोड़ लेना, मेल-जोल छोड़ देना, अलग-थलग हो जाना, पृथक हो जाना

इस - क़दर - इतना अधिक, इस श्रेणी, यहाँ तक (अधिक दिखाने के लिए)
इतना, बस इतना, इतना ही

वफ़ा - ए - इश्क - प्रेम करके उसे निबाहना, किसी अवस्था में भी प्रेम न छोड़ना।

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