कविता कंक्रीट के वन

कविता


शहर की उबाऊ भीड़
और ये कंक्रीट के वन
एसी और कूलर के पेड़
जान लेने पर आ गए है।
मौसम वैज्ञानिकों ने
तापमान का कर लिया है आकलन
कह दिया है सभी से
एसी और कूलर के पेड़ो को काट कर
हरे - भरे वृक्ष का रोपण हों 
जिससे मिल सके राहत।
जैसे मिलती है राहत
मिट्टी के घर में,
साल,नीम,पीपल,बरगद के वृक्षों के नीचे।
भौतिकता की अंधी आंधी ने 
अंधा कर दिया है मानव को और
भूल गया है मानवता को मानव।

आकिब जावेद
स्वरचित/मौलिक

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