National Unity Day राष्ट्रीय एकता दिवस।सरदार पटेल की जयंती पर बहुत बहुत बधाई।

🇮🇳National Unity Day🤝
#NationalUnityDay 

•  31 अक्टूबर देश में हर वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। 
•  यह दिवस सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंति के रूप में मनाया जाता है। 
•  550 से अधिक रियासतों को भारत संघ में एकीकृत करने की उनकी स्मारकीय उपलब्धि का सम्मान करने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
•  सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत का सम्मान करने के लिए भारत सरकार द्वारा 2014 में आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत की गई थी। 
•  पटेल एकजुट और मजबूत भारत के कट्टर समर्थक थे और उनके जीवन के कार्यों में यह समर्पण झलकता था। 
•  उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में नामित करने का सरकार का निर्णय उनके योगदान के महत्व को रेखांकित करता है।
•  2018 में सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में नर्मदा नदी के पास स्थित भव्य स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया। पटेल का प्रसिद्ध नारा, "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" आज भी देश को प्रेरित करता है।

कविता 

भारत के सच्चे सपूत,लौह पुरुष को मेरा वंदन
जनगण के मन में  महके बनके शीतल चन्दन

तुमने राष्ट्र का मान बढ़ाया,तुम नए भारत के सूत्रधार
राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया,करते नमन हम बार-बार

तुम राजनीति के सूरवीर,स्थापित किए कई कीर्तिमान
तुम कूटनीति के ज्ञानवीर,तुम हो शंका के समाधान
निरपेक्ष हो कर किया काम,नही रहा कभी कोई बंधन
भारत के सच्चे सपूत,लौह पुरुष को मेरा वंदन

व्यक्तित्व तुम्हारा था बेमिसाल,थे प्रहरी तुम लोकतंत्र के
थामी तुमने आजादी की मशाल, नायक बन गए जनतंत्र के
राष्ट्र का करके एकीकरण,विश्व में मान बढ़ाया था
करके निर्वाह राजधर्म का,जनजन विश्वास जगाया था
नवाबो,राजे-रजवाड़े से किया राष्ट्र का मुक्त बंधन
भारत के सच्चे सपूत,लौह पुरुष को मेरा वंदन

ज्ञान से तुम परिपूर्ण रहे,तुम विधिक ज्ञान में पारंगत
समता को तुमने अपनाया,न्याय के लिए रहे प्रयासरत
तुम स्वयं त्याग की मूरत थे,कर्तव्यपरायण रहे जीवन में
तुम बापू के अनुयायी थे,दर्शन ग्रहण किया मन में
विरोधों का किया उन्मूलन,कर दिया आपने संसोधन
भारत के सच्चे सपूत लौह पुरुष को मेरा वंदन

बारदोल आंदोलन से तुम ,किसानों के नेता बने
मिली सरदार उपाधी,जनता के तुम अभिनेता बने
तुम राष्ट्र के गौरव हो, तुम हो भारत के रत्न
राष्ट्र को नही झुकने दिया,किया तुमने प्रयत्न
बेगार प्रथा को किया ख़त्म, बल्लभ राष्ट्र का है चंदन
भारत के सच्चे सपूत,लौह पुरुष को मेरा वंदन।

-आकिब जावेद
बाँदा,उत्तर प्रदेश

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