कहाँ कोई ख़ज़ाना चाहता हूँ,
ज़रा सा मुस्कुराना चाहता हूँ।
मुझे मौजे उछाले जा रही है,
मैं कब से डूब जाना चाहता हूँ।
-अनाम
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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1 टिप्पणियाँ
सुंदर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंThanks For Visit My Blog.