आज की शाइरी : लफ़्ज़ मुहब्ब्त

सियासत  ही  सियासत है जहाँ में,
मुहब्ब्त को नज़र किसकी लगी है।

मुहब्ब्त  ही  मुहब्ब्त  हो जहाँ में,
बनाया रब ने जो दुनिया भली है।

~आकिब जावेद

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