मुहब्बत है वतन से जिसे हम माँ कहते है
इसी मिट्टी को हम सब हिंदोस्ताँ कहते है
-आकिब जावेद
मुहब्बत है वतन से जिसे हम माँ कहते है
इसी मिट्टी को हम सब हिंदोस्ताँ कहते है
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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