आज की शायरी

#Shair

☘️
आब-ए-तल्ख़ को मैंने ही पी लिया
फिर उसे  देख के  झूमता कौन था

-आकिब जावेद

आब-ए-तल्ख़ --  कड़वा पानी,शराब,आँसू

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ