1- shir (शेर)
212 212 212 212
दर्द मेरा हरा था कहीँ ईद थी
देखते है यहाँ चाँद सब ईद में
- आकिब जावेद
2-shair(शेर)
मायूसी बेबसी बेकली छायी
ईद आयी है कैसी उदासी है
-आक़िब जावेद
#EidAlAdha
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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2 टिप्पणियाँ
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (02-08-2020) को "मन्दिर का निर्माण" (चर्चा अंक-3781) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंThanks For Visit My Blog.