आज की शायरी - ईद उल अज़हा की बहुत मुबारकबाद सभी को💐💐💐

1- shir (शेर)
212 212 212 212

दर्द मेरा हरा था कहीँ ईद थी
देखते है यहाँ चाँद सब ईद में

 - आकिब जावेद

2-shair(शेर)

मायूसी बेबसी बेकली छायी
ईद आयी है कैसी उदासी है

-आक़िब जावेद

#EidAlAdha

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2 टिप्पणियाँ

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (02-08-2020) को     "मन्दिर का निर्माण"    (चर्चा अंक-3781)    पर भी होगी। 
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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