आज का शेर

2122 22 122 
ज़र्ब  ग़ैरत  की  ज़ोर  डाले  है
अब ग़रज़ में भटकना छोड़ दिया

-आकिब जावेद

ज़र्ब- प्रभाव
ग़ैरत-मान/शालीनता
ग़रज़- लालसा

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ