आदरणीय जोधराज परिहार ' मधुकर' मधुकर काव्य सृजन जी आपका बहुत-बहुत आभार। आपके द्वारा भेजी गई ' काव्य सृजन त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका' वर्ष- चार संयुक्तांक (एक एवं दो)अंक 13 एवं 14 प्राप्त हो गई है।
साहित्य हमें संस्कृति , नैतिक मूल्यों और आत्म जागरूकता पैदा कर हमें बेहतर इंसान बनने एवं समाज निर्माण में सहायक होता है। पत्रिका का आवरण पृष्ठ एवं समाहित कविताएं मानो बगीचे के फूलों की तरह मोहक एवं सुसज्जित प्रतीत होती है।
पुस्तक में साहित्यकारों के लेख ,ग़ज़ल, गीत एवं विविध रचनाएं संस्मरण आदि पढ़कर मन को बहुत अच्छा लगा आपकी साहित्य साधना की प्रगति को हृदय से नमन करता हूं। पत्रिका के सभी लेखकों,साहित्यकारों को शुभकामनाएं एवं बधाई।
पत्रिका में प्रकाशित प्रेरणा गीत आप सभी के समक्ष अवलोकनार्थ प्रस्तुत करता हूं।
आकिब जावेद
बांदा,उत्तर प्रदेश
0 टिप्पणियाँ
Thanks For Visit My Blog.