आज की शायरी आकिब जावेद

इस शहर की गलियों में बिखरा है अंधेरा,
कहाँ जलती हैं अब मोहब्बत की बरसातें।

सच बोलने की कीमत पड़ती है चुकानी,
दर -   दर  फिरती  है हिम्मत की सौगातें।

आकिब जावेद



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