• Apr 30, 2025

आज की शायरी आकिब जावेद

इस शहर की गलियों में बिखरा है अंधेरा,
कहाँ जलती हैं अब मोहब्बत की बरसातें।

सच बोलने की कीमत पड़ती है चुकानी,
दर -   दर  फिरती  है हिम्मत की सौगातें।

आकिब जावेद



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