• Apr 17, 2025

कविता : प्रकृति सीख

प्रकृति का संतुलन शानदार है,
विविधता का अनुभव 
एक ही स्थान पे मिल जाता है।
विभिन्न ऋतुएं आभास कराती है आपके समय को,
हमारे राष्ट्र में विभिन्न संस्कृतियों का समन्वय दिखता है।

समस्त संस्कृति ,ऋतुएं एक - दूसरे को समाहित किए हुए हैं,
अमूल - चूल परिवर्तन से 
गड़बड़ियां,वैमनस्य उत्पन्न होता है।
जब प्रकृति समाहित करती है 
सबको आपस में,
अतएव
मनुष्यों को भी सीखना चाहिए 
प्रेम,बंधुत्व को समाहित करना।

आकिब जावेद

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