जीवन रेखा है हमारी,राष्ट्र की गौरवगाथा है,
भाषा हिंदी से करे प्रेम जैसे हमारी माता है।
हिंदी में वैज्ञानिकता, मौलिकता, स्वीकार्यता है,
नई शिक्षा नीति में भी हिंदी की अनिवार्यता है।
सरल - सुबोध, सम्मान की हिंदी अधिकारी है,
विदेशी सारी भाषाओं पर हिंदी सबमें भारी है।
आकिब जावेद
0 टिप्पणियाँ
Thanks For Visit My Blog.