मुहब्ब्त और ग़म पे आज की शाइरी ~आकिब जावेद

‏रफ़ू कर ले तू भी ग़मो को यूं 'आकिब'
मुहब्बत से घर अपने पलते रहेंगे

رفو کر لے تو بھی غموں کو یوں عاقب,
محبت سے گھر اپنے پلٹتے رہیں گے .


✍️आकिब जावेद

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