आज की शाइरी- असास मज़बूत आशियाँ की

असास मज़बूत आशियाँ की,
नही हिलेगी किसी ख़लिश से।

اساس  مجبور  اسیا  کی ,
 نہیں لے گی  کسی خلص سے. 

-आकिब जावेद ©® عاقب جاوید

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