अदबी दुनिया में मचा घमासान
ये देख आम जनमानस हैरान
किसने क्या कहा किसने किया
अदब में आया ये कैसा तूफान
शायर,कवि,लेखक लिखता है
गलत जो समझे वो है नादान
सियासत को आँखे कैसे दिखाओ
क़लम से देते हो तुम जो लगान
कैफ़ियत नही तुम्हारी अदब की
झूठा तुम्हारा नाम है झूठी शान
-आकिब जावेद
2 टिप्पणियाँ
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 16 मई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंउम्दा ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंThanks For Visit My Blog.