आज की शायरी

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गिर्दाब से लड़कर इत्तिहाद से हम जीते
आबाद गुलिस्तां में आफ़ात बहुत आयी

-आकिब जावेद

गिर्दाब-भँवर/बवंडर
इत्तिहाद- एकता
आफ़ात-कठिनाइयां

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