#poetry #इंसाफ़ #फाँसी #हत्यारे #repist

#शर्मशार

उड़ती फिरूँ मैं नील गगन में
चलती रहूँ मैं अपनी मगन में

कुछ बन  के मैं हासिल करूँ
पढ़ती रहूँ मैं अपनी लगन में

बन तो गई  मैं भी कुछ यहाँ
दिक्कत क्या है मेरे वसन में

भर रही जब दिमाग में गंदगी
मर रही यूँ बच्चियाँ वतन में

है दिमाग में धर्म जात जब तेरे
बेटी न पैदा हो किसी घरन में

चीख उठती है माँ की भी गोद
लुटती है अस्मत चीर हरण में

छोटे छोटे बच्चे जब करे ऐसा
नैतिकता सीखते नही घरन में

-आकिब जावेद

#Rapist #kill #SaveGirl

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