नफ़रत से सस्ती दुआ है बाजार में
अपने हाथों को बढ़ा कर के देखों
✍️आकिब जावेद
नफ़रत से सस्ती दुआ है बाजार में
अपने हाथों को बढ़ा कर के देखों
✍️आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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