मुक्तक


ये नक़ाब दिल से जरा हटा दीजिए
मेरे दिल को दिल से मिला लीजिए
मुद्दत हो गई खुदा उनसे मिले हुए
चाहत दिल में उनके जगा दीजिए

-आकिब जावेद

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