खुद से ही हार जाता हूँ
लेकिन हार कँहा मानता हूँ
भूखा हूँ
ये लाल हरे पीले से
मुझे क्या मतलब
मैं ये सब कँहा देखता हूँ
रोज़ कमाता हूँ
रोज़ खाता हूँ
मै मंदिर मस्ज़िद हर जगह
सर झुकाता हूँ
मैं देश का हित चाहता हूँ
मेरी भी सुनो
मैं भी देश का
आम नागरिक
कहलाता हूँ!!
#akib
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