कविता : किताबें


     होती सच्ची मित्र किताबें,
     सीधी-अच्छी मित्र किताबें।
     मोटी-पतली,छोटी किताबें,
     ज्ञानवर्धक,सचित्र किताबें।

     है खेल,कृषि विज्ञान की बातें,
     जल,थल ,आसमान की बातें।
     अंतरिक्ष ,अभियान की बातें,
     कितनी चित्र-विचित्र किताबें।

     बुरा-भला का ज्ञान करातीं,
     धर्म और ईमान  सिखातीं।
     मानवता का पाठ पढ़ातीं,
     गढ़ती सहज चरित्र किताबें।

     जितना समय इन्हें हम देंगे,
     नई - नई ऊर्ज़ा हम पायेंगे।
     इनका आदर करना सीखें,
     पावन परम पवित्र किताबें।

-आकिब जावेद

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