नभ ,धरा के मध्य
है पसरा पर्वत
करता है विस्तार
जहां तक चाहता है
नहीं रुकता रोकने से
धंसा है पृथ्वी के भीतर
उतना ही जितना उठा है ऊपर।
आकिब जावेद
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05 जुलाई 2025
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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