फ़ौत हो के निहारता नीचे,
आसमां में नही बनी खिड़की।
उड़ गई रानाइयाँ सारी ही,
देखते ही ये कब्र की खिड़की।
आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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