आज की शायरी १६.०१.२०२३

१२१२ १२१२

गरीब  चाहता  है  रब,
भरा  रहे  ये  पेट  भी।

غریب چاہتا ہے رب
بھرا رہے یہ پیٹ  بھی

عاقب جاوید@आकिब जावेद

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