आज की शायरी -आकिब जावेद


ईमान  बेचूं  ये  मुझे  मंजूर  नहीं,
खुद्दारी वाली ये गरीबी अच्छी है।

ایمان بیچو یہ مجھے منظور نہیں،
خودداری والی یہ  غریبی اچھی ہے۔

✍️आकिब जावेद@عاقب جاوید



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