अन्तराष्ट्रीय_चाय_दिवस पर मुक्तक - चाय जोड़ने का काम करती है☕

धीमी - धीमी  आंच  में  पकती  है  जब  चाय,
नेह  भी  हो  जाए  तृप्त  अंतर्मन  बोले  हाय!
साथी - संगती  साथ  में  बैठें  लगाए चौपाल,
सुख - दुःख  बांटे साथ  में  हो बिस्कुट-चाय।

-आकिब जावेद


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