मातृ_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
माँ से बड़ के न मसीहा कोई देखा अपना
अपने बच्चों की ख़ुशी उसका है सपना अपना
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पोछने को नही आता यहाँ कोई आँसू
कौन है माँ के सिवाए हमें कहता अपना
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देखता तक नही बेटा वो जो साहब हो कर
माँ ने औलाद पे घर - बार लुटाया अपना
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ये घरौंदा जो बसाया पसीने से उसने
परवरिश में माँ ने सब कुछ तो लुटाया अपना
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बोल दो प्यार से तुम भी यूँ कभी बोले हो
माँ के जैसा न मिलेगा यहाँ सच्चा अपना
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माँ भी तकलीफों को सह लेती है हँस हँस कर के
दर्द में माँ के अलावा नही दूजा अपना
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रखकर फ़ाक़ा जिसने दी है उड़ान ये 'आकिब'
हूँ माँ के आगे मैं भी सर यूँ झुकाता अपना
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✒️आकिब जावेद
स्वरचित/मौलिक
6 टिप्पणियाँ
Bahetrin prastuti 👌👌👌👌👍
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सर
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जवाब देंहटाएं🤱🏻 𝐇𝐚𝐩𝐩𝐲 𝐌𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫'𝐬 𝐃𝐚𝐲 🤱🏻
Happy Mothers day sir
हटाएंबहुत बढ़िया स्वरचित रचना का सम्पादन
जवाब देंहटाएंसादर आभार,पोस्टर बहुत बढ़िया बनाया है आपने
हटाएंThanks For Visit My Blog.