इस चमन में ख़ुश्बू महक जाने दो
अब मुझे मम्मी तुम स्कूल जाने दो।।
पढ़ के मै भी मम्मी नाम करूँगा
मुझको भी पढ़ के सँवर जाने दो।।
हर बुराई मिटती है पढ़ने से अब
मुझे शिक्षा का ऐसे दीप जलाने दो।।
मिलती सबको सुविधाएं भी खूब
मुफ़्त में ही लाभ ये मुझको पाने दो।।
ज़िन्दगी में खुशियाँ तुझको भी दूँ
देश के लिए मुझे कुछ बन जाने दो।।
बनता है कोई हिन्दू-मुश्लिम बनता है
मुझको तुम इंसान ही बन जाने दो।।
मै भी पढ़ लिख कर तरक्की करूँगा
मुझको इस साल से स्कूल जाने दो।।
-आकिब जावेद
4 टिप्पणियाँ
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(०८-०४ -२०२२ ) को
''उसकी हँसी(चर्चा अंक-४३९४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आपका बहुत बहुत शुक्रिया
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आपका
हटाएंThanks For Visit My Blog.