गलतियों की माफ़ी मांगने वाली रात ; शब ए बारात

इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने को शबान कहते हैं और उस महीने की 15वीं तारीख को शब-ए-बारात के नाम से जानी जाती है। इस साल यह त्यौहार 18 मार्च और 19 मार्च को मनाया जाएगा। देशभर में मुस्लिम समुदाय सारी रात मस्जिदों में इबादत करते हैं और अपने-अपने बुजुर्गों के लिए फातिहा पढ़ते हैं। आज एक तरफ होली की रस्म अदा की जा रही है तो दूसरी तरफ इबादत का दौर भी चल रहा है।
मुस्लिम समुदाय के बीच शब-ए-बारात वह रात मानी जाती है, जब अल्लाहताला की अपनी बंदों की तरफ खास तवज्जो होती है। अल्लहा के बंदों के पास यह मौका होता है, जब वह अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं साथ ही अल्लाह से उन तमाम लोगों के भी गुनाह माफ कर उन्हें जन्नत में जगह देने की दुआ करते हैं, जो दुनिया से गुजर गए हैं। यही वजह कि इस रात को लोग रात-रात भर जागकर इबादत करते हैं और दुआएं मांगते हैं और फातिहा पढ़ते हैं।

मुझसे अगर कोई गलती अनजाने में हुई हो तो आप सभी मुझे माफ़ करें।

आकिब जावेद

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