#kurshi लफ़्ज़ के तहत आज की शाइरी। पूरी पढ़े- कुर्सी किसी एक की महबूबा नही होती

चल  रही  सर्द वादियों में भी गर्म हवाएं
सियासतदाँ की कोई महबूबा नही होती।

कभी-कभी रहता हैं #कुर्सी का गाँठ जोड़
कुर्सी किसी एक की महबूबा नही होती..!!
       
~आकिब जावेद @rockonakib 
#Kursi #Shair 

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12 टिप्पणियाँ

  1. उत्तर
    1. आभार, लेकिन निर्वाचन से सम्बंधित पोस्ट दूसरी है सर

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  2. बहुत बढ़िया सुन्दर लेख लाजवाब
    दोनों पोस्टों की कंफ्यूजन में इधर
    उधर हो गया !

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    1. बहुत शुक्रिया मोहब्बतों के लिए।कोई बात नही सर स्नेह बनाए रखिए

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