हे! बाँदा के प्यारे मतदाता,
बनो देश के भाग्य विधाता।
लोकतंत्र की तुम सुनो पुकार ,
मत खोना मत का अधिकार।
जब- जब आती है दिवाली,
नहीं भूलते तुम दीप जलाना
होली जब फाल्गुन में आती।
मन होता जाता है दीवाना।
फिर लोकतंत्र के महापर्व पर
मत से क्यों करते हो इंकार ?
तिंदवारी हो या कि बाँदा
जागो अब प्यारे मतदाता
बबेरू हो या हो नरैनी
सब पर नज़र डाल लो पैनी
करो प्रतिज्ञा तुम अबकी बार ,
मत डालेंगे संग सब परिवार।
अपने फ़र्ज़ का ध्यान धरो तुम,
देशहित में कुछ कम करो तुम।
जाकर सुबह करो मतदान ,
नहीं बड़ा इससे कोई दान ।
फरवरी 23 दिन बुधवार,
बूथ पर पहुंचो संग परिवार।
आकिब जावेद
शिक्षक/कवि
बिसंडा- बाँदा(उत्तर प्रदेश)
3 टिप्पणियाँ
❤️❤️🌹
जवाब देंहटाएंबेमिसाल निर्वाचन जागरूकता सम्बंधी लेख संदेश
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया सर
हटाएंThanks For Visit My Blog.