मतदाताओं से कविता के माध्यम से वोट डालने की अपील

हे! बाँदा के प्यारे मतदाता,
बनो देश के भाग्य विधाता।
लोकतंत्र की तुम सुनो पुकार ,
मत खोना मत का अधिकार।

जब-  जब आती है दिवाली,
नहीं भूलते तुम दीप जलाना 
होली जब फाल्गुन में आती।
मन होता जाता है  दीवाना।

फिर लोकतंत्र के महापर्व पर 
मत से क्यों करते हो  इंकार ?

तिंदवारी हो या कि बाँदा 
जागो अब प्यारे मतदाता 

बबेरू हो या हो नरैनी 
सब पर नज़र डाल लो पैनी

करो प्रतिज्ञा तुम अबकी बार ,
मत डालेंगे संग सब परिवार।

अपने फ़र्ज़ का ध्यान धरो तुम,
देशहित में कुछ कम करो तुम।

जाकर सुबह करो मतदान ,
नहीं बड़ा इससे कोई दान ।
फरवरी  23 दिन बुधवार,
बूथ पर पहुंचो संग परिवार।

आकिब जावेद
शिक्षक/कवि
बिसंडा- बाँदा(उत्तर  प्रदेश)

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