कभी न देखे है ख़्वाब इतने,
गुलाब में ही गुलाब इतने।
हुई ये रौशन ज़मीन दिल की,
ज़मी में है जो गुलाब इतने।
-आकिब जावेद
कभी न देखे है ख़्वाब इतने,
गुलाब में ही गुलाब इतने।
हुई ये रौशन ज़मीन दिल की,
ज़मी में है जो गुलाब इतने।
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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2 टिप्पणियाँ
Bahut khoob Sir
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया सर
हटाएंThanks For Visit My Blog.