रोज डे पर आज की शाइरी

कभी न देखे है ख़्वाब इतने,
गुलाब  में  ही  गुलाब  इतने।

हुई ये रौशन ज़मीन दिल की,
ज़मी  में  है  जो गुलाब इतने।

-आकिब जावेद


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