जंग में फंसे हैं लोग हज़ारों में
उनकी फ़िक्र है बस अखबारों में
जागो मेरे मुल्क़ के रहबर जागो
मानवता को खोजो न बाज़ारो में
-आकिब जावेद
जंग में फंसे हैं लोग हज़ारों में
उनकी फ़िक्र है बस अखबारों में
जागो मेरे मुल्क़ के रहबर जागो
मानवता को खोजो न बाज़ारो में
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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3 टिप्पणियाँ
बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएं👌 बेहदउम्दा लेखन लेखनी 👌
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया आपका
हटाएंThanks For Visit My Blog.