जंग में फंसे है लोग हजारों में - पढ़े आज के हालात पर एक मुक्तक

जंग में फंसे  हैं  लोग  हज़ारों  में

उनकी फ़िक्र है बस अखबारों में

जागो मेरे मुल्क़ के रहबर  जागो

मानवता को खोजो न बाज़ारो में

-आकिब जावेद


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