साख से ही टूट गई वो पत्तियां,
जिनको शज़र की क़दर नही।।
कट गई पतंग यूँ मेरे हाथ से,
डोर को इसकी ख़बर नही।।
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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