कविता- ठंड

ठंड में
गर्म छल्ले से
उड़ता धुँआ
जब जा
पहुँचता है,
किसी सासों
के दरमियाँ
तब एहसास
से उस ठंड
का धुँआ
गर्म होने
लगता है
ठंडे हुए
रिश्ते में!

-आकिब जावेद
#akib

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