ग़ज़ल- पल -पल किरदार बदलते देखें है।नव वर्ष बहुत मुबारक सबको💐💐

वर्ष और घर-द्वार बदलते देखें हैं
जां से प्यारे  यार  बदलते  देखें हैं।

देखा है दिल पे कुछ होठों पे कुछ
पल-पल किरदार बदलते देखें हैं।

नफ़रत देखी,देखा हमने  प्यार
चेहरे सौ-सौ बार बदलते देखें हैं।

हर बार उसे अपना समझा जाना
लेकिन बारम्बार बदलते देखें हैं।

मुझे तोड़कर  वो खुद कितना रोया
उल्फ़त के बीमार बदलते देखें हैं।

✍️आकिब जावेद

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

Thanks For Visit My Blog.