रिश्ते चलने लगे
व्हाट्सएप्प से।
ज़िंदगी हो गयी,
वर्चुअल जब से।
मुलाकातों का
दौर अब कहाँ
सभाएं होती है
लाइव जब से।
बदल दिया है
कोरोना ने सब
कहीं कुछ
अच्छा!
तो कहीं बुरा
दौर!
लोगों ने बदल
दिए
अपने अपने
ठौर।
न रोजगार का पता
न ही कुछ है काम।
तंग परेशान,
बदहाल
किसान!
#akib
1 टिप्पणियाँ
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंThanks For Visit My Blog.