1222 1222 1222
उसे सोचूँ कभी मैं जब ग़ज़ल पढ़ के।।
पुराने शे'र में भी धार आ जाए।।
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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