सियासत भी हम पर बहुत एहसान करती है
हमारी आवाज़ छीन लेती है चीज़े दान करती है
अवाम की आँखों में यूँ पड़ जाता है जब ताला,
सियासत की अंधभक्ति में अँधा काम करती है।।
वो देखने भी नही देता इन्हें सुनने भी नही देता
दिमाग से हो गए पैदल वो चलने भी नही देता
दिखा के दिवस्वप्न भी खूब लोगो को सपनो में
छीन कर रोजगार रोजगार करने भी नही देता।।
✍️आकिब जावेद✍️
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