आज का मुक्तक

टर्र - टर्र मेढ़क खूब टर्राएं
कुत्ते भी खूब भौकत जाएं
मौसमवा है खूब निरालो रे
सब हीं अपनों रंग दिखाए

✍️आकिब जावेद

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

Thanks For Visit My Blog.