शहीदो के लिए चंद पंक्तियां

शहीदों के लिए ग़ज़ल के चंद अशआर

देश के ख़ातिर अपनी जाँ लुटा देंगे हम
फिर तिरंगे में ही लिपटा यूं जनाज़ा होगा

मौत आये तो कभी हम भी मिले उससे अब
पूछ ले कितना हसी वो भी नज़ारा होगा

✍️आकिब जावेद

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