मुखर जाती है
मुख़ातिब नही होती
बेइंतहाई का आलम
आँखों में अश्क़
दिलों में रश्क़
जुदाई का ग़म
मिलने की जुस्तुज़ू
ज़िन्दगी एक-सा तो नही होती।।
-आकिब जावेद
मुखर जाती है
मुख़ातिब नही होती
बेइंतहाई का आलम
आँखों में अश्क़
दिलों में रश्क़
जुदाई का ग़म
मिलने की जुस्तुज़ू
ज़िन्दगी एक-सा तो नही होती।।
-आकिब जावेद
"सपने वो नहीं जो नींद में देंखें,सपने वो हैं जो आपको नींद न आने दें - ए० पी०जे०अब्दुल कलाम "
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